Dehradun News: अब देहरादून से दिल्ली का सफर आसान होने वाला है। महज ढाई घंटे में दून से दिल्ली में पहुँचा जा सकेगा। दिल्ली-हरिद्वार के बीच 5 से 2 घंटे तक कम हो जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए काम युद्धस्तर पर चल रहा है। कई कार्य सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए है। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे के उत्तराखंड की तरफ वाले 3.60 किमी हिस्से का निर्माण कार्य मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा पूरी परियोजना का काम सितंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत पुरानी सड़क को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा, जिसपर वन्य जीव घूम सकेंगे। तो वहीं नई सड़क पर ट्रेफिक होगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे योजना के तहत एफआरआई में हुई सुप्रीम कोर्ट की ओवरसाइट कमेटी की बैठक हुई है। बैठक में सदस्य की ओर से पुरानी सड़क को वन्य जीवों के लिए और लोगों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद करने का विचार रखा गया। बताया जा रहा है कि कमेटी के इस विचार को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके तहत पुरानी सड़क पर ईको रेस्टोरेशन के तहत काम किया जाएगा। जहां मानव आवाजाही शून्य होगी और वन्यजीव स्वच्छंद तरीके से आवाजाही कर सकेंगे। इसके तहत यहां हरियाली बढ़ाने के लिए चाल-खाल, गड्ढों का निर्माण, कैचमेंट डैम इत्यादि का निर्माण किया जाएगा, ताकि इसे पूरी तरह से वन की शक्ल दी जा सके। कमेटी के सदस्यों के इस सुझाव को पारित कर दिया गया, लेकिन अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। बैठक में करीब-करीब सभी आपत्तियों का निस्तारण कर लिया गया है।
बताया जा रहा है कि देहरादून से दिल्ली और पहाड़ों पर जाने के लिए ये मार्ग सबसे सुखद और आसान रहेगा। गाड़ियां ना केवल देहरादून बल्कि चकराता और उत्तरकाशी जिले में भी समय से पहले पहुंच जाएंगी। इसके दूसरी तरफ बन रही एलिवेटेड रोड का भी काम तेजी से चल रहा है। दिल्ली और देहरादून को कनेक्ट करने वाला नया एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, बागपत, बड़ौत, शामली, सहारनपुर से भी होकर जाएगा। इसका निर्माण तीन चरण में किया जा रहा है। सड़क राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरने वाले एशिया के सबसे लंबे (12 किमी) वाइल्डलाइफ कॉरिडोर के हिस्से में पड़ने वाली 340 मीटर लंबी डाटकाली सुरंग के दोनों सिरे सफलतापूर्वक खोली जा चुकी हैं।
दो चरणों में इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण
बताया जा रहा है कि दिल्ली-देहरादून ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर Delhi-Dehradun Green Field Economic Corridor के पहले चरण की शुरूआत मार्च 2021 में हुई थी। पहले चरण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से Eastern Peripheral Expressway दिल्ली तक छह लेन की एलिवेटेड रोड Elevated Road का निर्माण होना है। जबकि दूसरे चरण में हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ व बड़ौत को जोडने के लिए सात जगह इंटरचेंज होंगे। इस एक्सप्रेसवे के लिए हरिद्वार तक 51 किमी के दौरान छह इंटरचेंज, चार फलाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर और दो आरओबी भी बनाए जाएंगे।
दून-दिल्ली एक्सप्रेसवे की खासियत
- दिल्ली से देहरादून के बीच की 235 किलोमीटर की दूरी इस हाईवे से 210 किलोमीटर रह जाएगी लेकिन यह इतना तेज़ होगा कि सफर में समय 6.5 घंटे के बजाय 2.5 घंटे ही लगेगा।
- इस रास्ते पर 25 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड होगी और 14 सुरंगें और यह 6 लेन रास्ता साफ जंगलों के हसीन नज़ारों के बीच से होकर गुज़रेगा।
- इस पूरे एक्सप्रेस वे को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि यहां वाहनों की कम से कम रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहे।
- इस एक्सप्रेस वे पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज़ से 12 किमी की एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है, जो देश में पहली बार हो रहा है।
12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल कर रहा निगरानी
गौरतलब है कि काफी विवादों के बाद इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI को सौंपा था। एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल हो और इससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस निगरानी के लिए NGT ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया था।