उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार, समिति ने प्रदेश सरकार को सौंपी रिपोर्ट…

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित समिति ने आज प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि कल कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को पेश किया जाएगा। जिसपर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा। अगर विधानसभा में मंजूरी मिलती है तो यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। और आज वो दिन आ गया जब समिति करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपी। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने पर सभी के लिए समान नियम और कानून होंगे. यूसीसी लागू होने पर फिर तलाक केवल कानूनी प्रक्रिया से ही होगा. यानी कि तलाक के सारे धार्मिक तरीके अवैध होंगे.

नए कानून के दायरे में तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन भी आएंगे. बिना विवाह किए एक साथ रहने यानी कि लिव-इन रिलेशनशिप में बढ़ते अपराधों पर लगाम कसने के लिए यूसीसी में प्रावधान दिए गए हैं। यूसीसी में बहुविवाह, हलाला और इद्दत पर भी रोक लगाने का प्रावधान है. लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु में भी बदलाव किए जाने की भी संभावना है. इसे बढ़ाकर 21 साल की जा सकती है. सबके लिए शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा. विवाह के जैसे ही तलाक के लिए भी पति-पत्नी को सामान अधिकार होंगे. चर्चा है कि यूसीसी में सभी धर्मों के लिए गोद लेने से जुड़े नियम और गोद लिए बच्चों को जैविक संतानों के सामान अधिकार की सिफारिश भी हो सकती है।

वहीं उम्मीद है कि इस ड्राफ्ट को कैबिनेट मंजूरी के बाद 5 फरवरी को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सदन के पटल पर विधेयक को रखा जाएगा। 6 फरवरी को इसे सदन में लाने की संभावना है। यहां से विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह अधिनियम बन जायेगा। चर्चा है यदि जरूरत पड़ती है तो राजभवन इसे राष्ट्रपति के पास भी भेज सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *