इन्वेस्टर्स समिट से पहले आयोजित हो सकता है विशेष विधानसभा सत्र…

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उत्तराखंड में सरकार द्वारा जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित हो सकता है। ये सत्र कभी भी बुलाया जा सकता है। इस सदन में समान अधिकार संहिता के मसौदे के साथ ही कई अन्य विधेयक भी  सदन के पटल पर रखा जा सकता है, जिससे सबकी निगाहे इस सदन पर टिकी हुई है। हालांकि माना जा रहा है कि सिलक्यारा टनल से मजदूरों को निकालने के बाद ही विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा।

मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले विधानसभा सत्र आयोजित हो सकता है। ये सत्र आंदोलनकारियों का क्षैतिज आरक्षण विधेयक और समान नागरिक संहिता (UCC) के साथ ही समिट से पहले तमाम संशोधन विधेयकों के प्रस्ताव को लेकर बुलाया जा सकता है। देहरादून में सितंबर महीने में हुए मानसून सत्र का सत्रावशान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि विशेष सत्र के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव जाना और राज्यपाल से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

गौरतलब है कि राज्य आंदोलनकारियों को 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने को लेकर प्रवर समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को सौंप दी है। वहीं विशेष सत्र से पहले सरकार को यूसीसी का फाइनल ड्राफ्ट भी मिल जायेगा। ऐसे में बहुत जल्द इसके लिए सत्र बुलाया जा सकता है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जल्द ही प्रदेश में यूसीसी लागू होगा। इसको लेकर चुनाव समाप्त होते ही एक कमेटी गठित की गई थी। जिसको रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित किया गया था। इस कमेटी के द्वारा प्रदेश की हर एक विधानसभा सीट से फीडबेक लिया गया। इस कमेटी की रिपोर्ट तैयार हो चुकी जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी जानी है।

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