‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में स्नेहा त्यागी ने पूछा सवाल , पीएम ने दिया ये जवाब…

Spread the love

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 29 जनवरी 2024 को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के सातवें संस्करण के दौरान छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की। यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया। इस दौरान डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी, खटीमा की छात्रा स्नेहा त्यागी ने भी संवाद किया। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी देहरादून के कौलागढ़ स्थित जीजीआईसी से वर्चुअल शामिल हुए।

मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के उत्तराखंड की खटीमा की रहने वाली एक छात्रा ने भी पीएम मोदी से सवाल किया। स्नेहा डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल एकेडमी खटीमा की कक्षा 7 की छात्रा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा, ‘हम आपकी तरह सकारात्मक कैसे हो सकते है.’? जिसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जो मेरी प्रकृति है जो मुझे काफी उपकारक लगी है, मैं हर चुनौती को चुनौती देता हूं.’ साथ ही पीएम ने कहा कि चुनौतियां जाएंगी, स्थितियां सुधार जाएंगी। इसकी प्रतीक्षा करते हुए वो सोए नहीं रहते हैं बल्कि इसके कारण उनको नया-नया सीखने को मिलता है।

पीएम मोदी ने कहा, हर परिस्थिति को हैंडल करने का नया तरीका, नया प्रयोग और नई स्ट्रेटजी को इन्वॉल्व करने की जो विधा है, उससे उनका विकास होता जाता है। उनके भीतर एक बहुत बड़ा कॉन्फिडेंस है, वो हमेशा मानते हैं कि परिस्थितियां कुछ भी हों लेकिन 140 करोड़ देशवासी उनके साथ खड़े हैं।  इस संवाद कार्यक्रम के लिए देशभर से करीब 2 करोड़ छात्र-छात्रा, अभिभावक और शिक्षकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।

पीएम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा से आने वाले दबाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा, “जीवन में चुनौतियां और स्पर्धा होना बहुत जरूरी है। इनके बिना जीवन बहुत ही प्रेरणाहीन बन जाएगा। जीवन में हेल्दी कॉम्पीटीशन होना जरूरी है।” दोस्तों से प्रतिस्पर्धा न करें, बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें और दोस्तों को अपने लिए प्रेरणा बनाएं।  माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें।  परीक्षा पे चर्चा 2024 के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि तुलना छात्रों के मन में बचपन से ही उनके परिवारों द्वारा रची जाती है। उन्होंने कहा, “मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों की उपलब्धियों से न करें।”

More From Author

उत्तराखंड दरोगा भर्ती घोटाले की विजिलेंस ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, जल्द हो सकता है बड़ी कार्यवाही…

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी तेज, दो फरवरी को रिपोर्ट सौंपेगी समिति…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *