उत्तराखंड में जहां भू कानून को लेकर माहौल गर्म है। प्रदेश में सशक्त भू कानून और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर देहरादून में 24 को महारैली का आयोजन किया जा रहा है। सरकार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जा रही है। तो वहीं शासन से बड़ी खबर सामने आ रही है। धामी सरकार ने भू-कानून को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए ‘भू-कानून समिति’ की रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण के लिए ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया है। जिसका आदेश जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार धामी सरकार ने ‘भू-कानून समिति’ की रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण के लिए ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय प्रारूप कमेटी का गठन किया गया है। अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव ने शुक्रवार को इस आशय के आदेश जारी किए। इस तरह आज इस समिति में शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को यह नई जिम्मेदारी दी है।जारी आदेश में लिखा है कि राज्य में प्रचलित उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) में समय-समय पर किये गये संशोधनों के अध्ययन / परीक्षण हेतु गठित ‘भू-कानून समिति’ द्वारा शासन को उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट के विस्तृत परीक्षण हेतु निम्नवत् ‘प्रारूप समिति’ का गठन किया गया है।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
- समिति में राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव को अध्यक्ष बनाया गया है।
- प्रमुख सचिव, न्याय विभाग, उत्तराखण्ड शासन सदस्य
- सचिव, राजस्व विभाग, उत्तराखण्ड शासन। सदस्य
- सचिव, सामान्य प्रशासन, उत्तराखण्ड शासन
- जगदीश काण्डपाल, अपर सचिव, मा० मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन