देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न और देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए जल्द करें आवेदन…

उत्तराखंड के होनहार खिलाड़ियों के लिए काम की खबर है। खेल विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न और देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। आवेदन करने की लास्ट डेट 15 अक्टूबर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के मूल निवासी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों की उपलब्धियों के आधार पर पुरस्कार दिए जाएंगे। जो खिलाड़ी और प्रशिक्षक पुरस्कारों के लिए तय मानकों को पूरा करते हैं, वे आवेदन कर सकते है।

मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के खिलाड़ी और खेल प्रशिक्षक देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न और देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए 15 अक्तूबर तक आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा खिलाड़ियों को हिमालय पुत्र पुरस्कार भी दिया जाएगा। पुरस्कार प्रदान किये जाने के संबंध में चयन खेल मंत्रालय, उत्तराखण्ड द्वारा गठित हाई पावर कमेटी द्वारा किया जायेगा। पुरस्कृत खिलाड़ी राज्य में आयोजित किसी भी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेलकूद आयोजन में निःशुल्क प्रवेश का अधिकारी होगा।

सरकार द्वारा ऐसे खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को पुरस्कृत किये जाने पर विचार किया जायेगा, जिनकी संस्तुति राज्य क्रीड़ा संघों द्वारा की गयी हो तथा वह उत्तराखण्ड राज्य का मूल निवासी हो तथा जिनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया गया हो। मान्यता प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित किया हो। वही प्रशिक्षक आवेदन करने के पात्र होंगे, जिनके खिलाड़ियों ने सीनियर अथवा जूनियर वर्ग में मान्यता प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित किया ही अथवा भाग लिया हो। एक व्यक्ति को जीवनकाल में एक बार ही पुरस्कृत किया जायेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय खेल से आशय मान्यता प्राप्त ओलम्पिक, विश्वकप, एशियाई, एफोएशियन, सैफ खेल एवं राष्ट्रमण्डल खेलों से है । आवेदन खेल निदेशालय में जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2022 नियत है। अतः आवेदनकर्ताओं से उक्त तिथि तक अनिवार्य रूप से समस्त आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ आवेदन जमा कराये जाने की अपेक्षा की गई है। वहीं पहली बार खिलाड़ियों को हिमालय पुत्र पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि शासन ने हिमाचल पुत्र पुरस्कार के लिए 2022 में शासनादेश जारी किया था। शासनादेश जारी होने के बाद पहली बार खिलाड़ियों को यह पुरस्कार मिल सकेगा।

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