उत्तरकाशी : अब यहां रात्री विश्राम कर सकेंगे पर्यटक

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भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा पर स्थित छोटा लद्दाख कहा जाने वाली नेलांग घाटी में पहले पर्यटक इनरलाइन बाध्यताओं के चलते रात्री विश्राम नहीं कर सकते थे। लेकिन अब पर्यटक यहां पर रात्री विश्राम कर पाएंगे। इसके लिए गंगोत्री नेशनल पार्क ने तैयारी शुरू कर दी है। भैरो घाटी और नेलांग के बीच गंगोत्री नेशनल पार्क दो स्थानों पर कारछा और चोरगाड़ में टैंट कॉलोनी का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए पार्क प्रशासन की ओर से 20 लाख का प्रारंभिक आगणन तैयार किया गया है।

भारत-चीन अंतराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नेलांग घाटी में ईनरलाइन बाध्यताओं के कारण वहां पर आवाजाही बंद थी। जिसे वर्ष 2015 में भारत सरकार की ओर से पर्यटन के दृष्टिकोण से खोला गया। नेलांग तक भारतीय पर्यटकों को जिला प्रशासन और गंगोत्री नेशनल पार्क की अनुमति से जाने दिया जाता है। नेलांग से आगे सुरक्षा के दृष्टिकोण से पर्यटकों को नहीं जाने दिया जाता है। नेलांग तक भी पर्यटकों को मात्र दिन में ही जाने की अनुमति है। रात्री में यहां पर पर्यटक नहीं जा सकता था। लेकिन अब गंगोत्री नेशनल पार्क ने भैरा घाटी से नेलांग तक भारत सरकार की वाइब्रेंट योजना के तहत पर्यटकों के रात्री में रूकने की व्यवस्था की योजना तैयार कर दी है। भैरो घाटी से करीब 10 किमी आगे कारछा और चोरगाड़ के बुग्यालों में गंगोत्री नेशनल पार्क ने टैंट कॉलोनी निर्माण की योजना तैयार कर दी है। इन दोनों स्थानों पर करीब 20 लाख की लागत से टैंट कॉलोनी बनाई जाएगी। इन टैंट कॉलोनी में रूकने के लिए पर्यटकों को एसडीएम सहित गंगोत्री नेशनल पार्क की सशर्तों के अनुमति दी जाएगी।

गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि कारछा और चोरगाड़ में टैंट कॉलोनी बनाने के लिए योजना तैयार कर दी गई है। सुरक्षा के साथ ही वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने के लिए पार्क प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही टैंट का संचालन पार्क प्रशासन स्वंय करेगा। जिससे कि पार्क प्रशासन की आय का एक अन्य स्रोत बढ़ेगा।

 

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