सफलता: सिलक्यारा टनल मे मिलने वाली है श्रमिकों को सफलता, क्यों, पढ़ें…

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उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर 2023 को हुआ हादसा पूरे देश दुनिया को याद होगा। 17 दिन तक 41 श्रमिक जिंदगी के लिए मौत से लड़ते हुए जीतकर अंधेरी सुरंग से बाहर आए थे। तब से सिलक्यारा टनल के अंदर आए मलबे को हटाने का काम जारी है। इसके लिए सुरंग के अंदर मलबे में बनाई जा रही दो ड्रिफ्ट टनल में से एक की खोदाई 52 मीटर तक पूरी कर ली गई है।

अब केवल करीब आठ मीटर खोदाई शेष है, जिसे पूरा होने में करीब एक से दो माह का समय लग सकता है। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) सुरंग के अंदर आए मलबे को हटाने के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण कर रही है।

इसके तहत सुरंग के अंदर तीन छोटी सुरंग बनाई जानी हैं। इनमें से वर्तमान में दो की खुदाई की जा रही है। इन दो में से एक की खुदाई का काम लगभग 52 मीटर तक पूरा कर लिया गया है। अब केवल 8 मीटर खुदाई शेष है। यह पूरी होने के बाद मलबे के आरपार आवाजाही संभव हो जाएगी। वहीं, सिलक्यारा छोर से भी सुरंग की खुदाई के साथ निर्माण में बाधा बने मलबे को हटाने के लिए मलबे के दूसरे छोर से भी कार्य किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि बीते साल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम सड़क परियोजना में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ था। इसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41मजदूर फंस गए थे। 17 दिन तक चले रेस्क्य ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल निकाला गया था। तभी से सुरंग के सिलक्यारा छोर से भूस्खलन का मलबा सुरंग निर्माण में बाधा बना हुआ है।

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